बच्चे हमारे बड़े हो रहे हैं#लेखनी ओपन माईक प्रतियोगिता -05-May-2022
बच्चे हमारे बड़े हो रहे हैं...
बच्चे हमारे बडे़ हो रहे हैं
अपने पैरों पर खडे़ हो रहे हैं
नहीं अब है उनको हमारी जरूरत
जरूरतें उनकी बदल ही गई हैं
बच्चे हमारे बड़े हो रहे हैं..
म
म्मी की लोरी अब भली न लगे
पापा का कंधे पर अब न चढ़ें
बहुत ही व्यस्त रहने लगे हैं
हमको ही अब वो समझाने लगे है
बच्चे हमारे बड़े हो रहे हैं...
गलत हर बात पर ठहराने लगे हैं
हमारी बातें अब पसंद आती नहीं
टोका टोकी बिलकुल भी भाती नहीं
अपनी ही दुनिया में मस्त रहने लगे हैं
बच्चे हमारे बड़े हो रहे हैं...
दिन रात उन पर समय जो बिताया
लगता है यूं ही हमने अपना जीवन गवाया
फिर भी हम तो सुधरते नहीं है
उनके भले के लिए उनको
समझाते ही रहते हैं अकसर
चाहे बन गए हैं वो बड़े अफसर
हमारे लिए तो उन्हीं से है दुनिया हमारी
बच्चे हमारे बड़े हो रहे हैं...
उनके बचपन में फिर से जी रहे थे
अपना जो बचपन
वो बन के रह गया फिर से
एक सपना
बच्चे हमारे बड़े हो गए हैं
वो सपना फिर हो जाएगा अपना
जब उनके बच्चे खेलेगें
अपने अंगना..
बच्चे हमारे बड़े हो रहे हैं..
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कविता झा 'काव्या कवि'
05.05.२०२२
#लेखनी
##लेखनी ओपन माईक प्रतियोगिता
Haaya meer
06-May-2022 05:35 PM
👌👌👌
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Muskan khan
06-May-2022 05:17 PM
Very nice
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Sachin dev
06-May-2022 05:02 PM
Nice
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